AI का उपयोग करके लोग Adhar और Pan card बना रहे हैं, कैसे पहचानेंगे असली हैं या नकली?

सोशल मीडिया पर घिबली स्टाइल की तस्वीरें बनाने का चलन अभी भी जारी है और इस बीच AI ऐप चैटजीपीटी पर बनाए गए फर्जी आधार और पैन कार्ड भी बड़े पैमाने पर वायरल हो रहे हैं। आश्चर्य की बात यह है कि ये फर्जी पैन और आधार कार्ड इतने असली दिखते हैं कि इन्हें पहचानना मुश्किल है।
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एआई ऐप चैटजीपीटी की मदद से बनाए गए ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन और टेस्ला व स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क के फर्जी पैन कार्ड की तस्वीरें इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इसके अलावा, लोगों ने प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ आर्यभट्ट को भी नहीं बख्शा; उन्होंने अपने पैन और आधार कार्ड भी बनवाए। इससे पता चलता है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता का कितना दुरुपयोग हो रहा है। भले ही लोग इस ट्रेंड को फॉलो करते हुए मजाक में ऐसा कर रहे हों, लेकिन यह चिंता का विषय है।
ChatGPT is generating fake Aadhaar and PAN cards instantly, which is a serious security risk.
This is why AI should be regulated to a certain extent.@sama @OpenAI pic.twitter.com/4bsKWEkJGr
— Yaswanth Sai Palaghat (@yaswanthtweet) April 4, 2025
वास्तविक कार्ड जैसी छवियां
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट से पता चला है कि चैटजीपीटी आधार कार्ड जैसी तस्वीरें बना रहा है, जो असली कार्ड जैसी ही दिखती हैं। हालाँकि, कार्ड पर लिखे पाठ और संख्याओं में कुछ त्रुटियाँ हैं। कृत्रिम बुद्धि (AI) की नकली कार्ड बनाने की क्षमता ने सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी है। इसके साथ ही अब सुरक्षा जोखिम और एआई विनियमन पर ध्यान देने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। सोशल मीडिया यूजर यशवंत साईं पलाघाट ने इस पर चिंता जताते हुए कहा, “चैटजीपीटी तेजी से फर्जी आधार और पैन कार्ड बना रहा है, जो एक गंभीर सुरक्षा जोखिम है। एआई का एक हद तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए।”
Ok, so ChatGPT can create Aadhaar images. Thats not the interesting thing. The interesting thing is where did it get the Aadhar photos data for training? pic.twitter.com/kb6lvuD04E
— nutanc (@nutanc) April 3, 2025
आधार कार्ड भारत सरकार द्वारा देश के प्रत्येक नागरिक को जारी किया जाने वाला एक पहचान पत्र है। इसमें एक अद्वितीय 12-अंकीय संख्या होती है, जो व्यक्ति के बायोमेट्रिक और जनसांख्यिकीय डेटा से जुड़ी होती है। इसमें उनकी तस्वीर, नाम, जन्मतिथि, लिंग, पता और उंगलियों के निशान शामिल हैं।
इसी तरह पैन कार्ड पर भी 10 अंकों का कोड होता है, जो हर व्यक्ति के लिए अलग-अलग होता है। इसमें क्यूआर कोड की मदद से आधार और पैन कार्ड को सत्यापित किया जा सकता है। चूंकि यह एन्क्रिप्टेड डेटा है, इसलिए केवल प्रमाणित स्कैनर ही इसे स्कैन कर पाएंगे। इससे यह सुनिश्चित हो जाता है कि केवल अधिकृत संस्थाएं ही पैन का सत्यापन कर सकेंगी।